tag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post5762364651438471992..comments2024-03-05T10:51:42.292-08:00Comments on ग़ज़लगंगा.dg: डूबने वाले को......devendra gautamhttp://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-28757570904989684632011-06-02T23:41:56.318-07:002011-06-02T23:41:56.318-07:00एक और लाजवाब गज़ल.."एक तारा मैं भी रख लेता तो ...एक और लाजवाब गज़ल.."एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा...", "वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी..", "उनकी नज़रें हमपे पड़ने की कोई सूरत न थी.." बहुत ही उम्दा.. बधाई.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-30526328906812225922011-05-31T19:04:47.542-07:002011-05-31T19:04:47.542-07:00वक़्त की दीवार से इक रोज रुखसत हो गयी
हमने जिस तस...वक़्त की दीवार से इक रोज रुखसत हो गयी<br />हमने जिस तसवीर के सदके उतारे थे बहुत.<br /><br /><br />खूबसूरत गज़लAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-26393682393464353132011-05-31T01:22:29.807-07:002011-05-31T01:22:29.807-07:00उनकी नज़रें हमपे पड़ने की कोई सूरत न थी
वो घिरे थे...उनकी नज़रें हमपे पड़ने की कोई सूरत न थी<br />वो घिरे थे भीड़ में और हम किनारे थे बहुत.<br />ek-ek shabd lazabab.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-29155920284802918842011-05-31T00:35:27.138-07:002011-05-31T00:35:27.138-07:00बेहतरीन ग़ज़ल ...........बेहतरीन ग़ज़ल ...........निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-83931537794457307322011-05-30T20:17:07.823-07:002011-05-30T20:17:07.823-07:00इक परिंदा भी मुक़द्दर में न था अफ़सोस है
हमने अपन...इक परिंदा भी मुक़द्दर में न था अफ़सोस है <br />हमने अपनी जिंदगी में तीर मारे थे बहुत.<br /><br />बेहतरीन ग़ज़ल ... हरेक शेर मुकम्मल और लाजवाब है ...<br /><br /><a href="http://indranil-sail.blogspot.com/2011/05/blog-post_29.html" rel="nofollow">ग़ज़ल में अब मज़ा है क्या ? </a>Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-70987217478143414532011-05-28T12:00:25.426-07:002011-05-28T12:00:25.426-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस ब...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी <br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत<br />BOhot khoobsoorat!! Badhai...Vicky Rainahttps://www.blogger.com/profile/04558386224286178656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-63998917246239658582011-05-27T11:35:01.699-07:002011-05-27T11:35:01.699-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस ब...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी <br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत<br /><br />बहुत ख़ूबसूरत ,बामक़सद शेर जो अपने अंदर बड़ी गहराइयां समेटे हुए है <br /><br />एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा<br />आस्मां वाले तेरे दामन में तारे थे बहुत.<br /><br />ख़ुदा से शिकायत का बेहद मासूम अंदाज़ <br /><br />अच्छी ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएंइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-32483545720758525422011-05-27T01:45:36.142-07:002011-05-27T01:45:36.142-07:00वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-19939729452987249732011-05-27T01:45:23.821-07:002011-05-27T01:45:23.821-07:00लाजावाब शेर...
बहुत खूबसूरत गज़ल..लाजावाब शेर...<br />बहुत खूबसूरत गज़ल..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-23865233070993869472011-05-26T22:34:22.955-07:002011-05-26T22:34:22.955-07:00बहुत ख़ूबसूरत देवेन्द्र जी, बहुत ही ख़ूबसूरत....बहुत ख़ूबसूरत देवेन्द्र जी, बहुत ही ख़ूबसूरत....pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-4958807208857668892011-05-26T09:00:27.181-07:002011-05-26T09:00:27.181-07:00एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा
आस्मां वा...एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा<br />आस्मां वाले तेरे दामन में तारे थे बहुत <br />बिलकुल सही शिकवा है <br />ग़ज़ल ही का शेर,,, अच्छा बन पडा है... <br />वक़्त की दीवार से इक रोज रुखसत हो गयी<br />हमने जिस तसवीर के सदके उतारे थे बहुत <br />ये शेर तो ग़ज़ल की जान है... बहुत खूब .. !! <br />और.... हम किनारे थे बहुत.... <br />वाह,,, आपका अपना मुनफ़रिद अंदाज़ ,, वाह !!!daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-83380734472901538112011-05-26T06:18:56.425-07:002011-05-26T06:18:56.425-07:00प्यारी ग़ज़ल. हर शेर क़ाबिले-दाद.बरगद वाला शेर ग़ज...प्यारी ग़ज़ल. हर शेर क़ाबिले-दाद.बरगद वाला शेर ग़ज़ब का है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-54850893636004107922011-05-26T01:43:54.790-07:002011-05-26T01:43:54.790-07:00एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा
आस्मां वा...एक तारा मैं भी रख लेता तो क्या जाता तेरा<br />आस्मां वाले तेरे दामन में तारे थे बहुत...<br />वह देवेन्द्र जी .... बहुत खूब ... लाजवाब ग़ज़ल है ... हर शेर पर वाह वाह निकलती है ... सुभान अल्ला ... कुर्बान हूँ इस शेर पर ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-14870391867772286452011-05-25T11:23:28.518-07:002011-05-25T11:23:28.518-07:00बहुत खूबसूरत गज़ल
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com...बहुत खूबसूरत गज़ल<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-80220472862402871392011-05-25T06:46:08.575-07:002011-05-25T06:46:08.575-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस ब...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी <br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत.<br /><br /><br /><br />-वाह!!! कितना गहरा अर्थ लिए शेर कहा है...बहुत उम्दा!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-30590539892842178402011-05-25T04:12:52.847-07:002011-05-25T04:12:52.847-07:00बहुत ही सुन्दर,शानदार और उम्दा प्रस्तुती!बहुत ही सुन्दर,शानदार और उम्दा प्रस्तुती!Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-38698378854032883282011-05-25T02:07:44.146-07:002011-05-25T02:07:44.146-07:00bahut bahut sundarbahut bahut sundarShikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-83346906151608563482011-05-25T01:15:36.325-07:002011-05-25T01:15:36.325-07:00बहुत खूब,देवेन्द्र भाई.
पूरी ग़ज़ल लाजवाब है.
हर श...बहुत खूब,देवेन्द्र भाई.<br />पूरी ग़ज़ल लाजवाब है.<br />हर शेर अपनी कहानी खुद बयां कर रहा है.<br /><br />ਜੀਵਨ ਦੀ ਬਾਜੀ ਜੇ ਹਾਰੇ ਨਾ ਹੁੰਦੇ,<br />ਦੁਨੀਆ'ਚ ਲਭਦੇ ਸਹਾਰੇ ਨਾ ਹੁੰਦੇ.<br /><br />शुभ कामनाएं.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-46467586165312706262011-05-25T01:00:06.928-07:002011-05-25T01:00:06.928-07:00बहुत बढ़िया... बेहद खूबसूरत ग़ज़ल है... हर एक शेअर ...बहुत बढ़िया... बेहद खूबसूरत ग़ज़ल है... हर एक शेअर लाजवाब है!!!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-10839552952215908292011-05-25T00:36:51.308-07:002011-05-25T00:36:51.308-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस बर...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी<br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत.<br /><br />वाह .. बहुत खूब कहा है इन पंक्तियों में ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-38811986892028745762011-05-25T00:11:07.711-07:002011-05-25T00:11:07.711-07:00आसान बातें आसान शब्दों में गंभीर मंतव्यों के साथ| ...आसान बातें आसान शब्दों में गंभीर मंतव्यों के साथ| बधाई इस ग़ज़ल के लिए मान्यवर|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-15047018281085332692011-05-24T23:56:14.205-07:002011-05-24T23:56:14.205-07:00सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब ग़ज़ल ...सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब ग़ज़ल लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-26786172652549147352011-05-24T23:54:27.574-07:002011-05-24T23:54:27.574-07:00लाल, पीले और हरे रंगों में गुम थी जिंदगी शह्र में ...लाल, पीले और हरे रंगों में गुम थी जिंदगी शह्र में चारो तरफ दिलकश नज़ारे थे बहुत.<br /><br />लाजावाब शेर...<br />बहुत खूबसूरत गज़ल...Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-84636591486695989062011-05-24T23:45:59.050-07:002011-05-24T23:45:59.050-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस ब...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी <br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत.<br /><br />उनकी नज़रें हमपे पड़ने की कोई सूरत न थी<br />वो घिरे थे भीड़ में और हम किनारे थे बहुत.<br /><br />बहुत खूबसूरत गज़लसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-58047954377073850682011-05-24T23:44:29.471-07:002011-05-24T23:44:29.471-07:00वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी
हमने जिस ब...वक़्त की आंधी उसे इक दिन उड़ाकर ले गयी <br />हमने जिस बरगद के नीचे दिन गुज़ारे थे बहुत.<br /><br />लाजावाब शेर...<br />बहुत उम्दा ग़ज़ल कही है आपने.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.com