tag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post9055509394951132254..comments2024-03-05T10:51:42.292-08:00Comments on ग़ज़लगंगा.dg: ज़मीं से दूर..बहुत दूर....devendra gautamhttp://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-17239891500152850152013-02-19T09:12:47.487-08:002013-02-19T09:12:47.487-08:00akhir chacha kiske hai......akhir chacha kiske hai......स्वयम्बराhttps://www.blogger.com/profile/07253617711811976030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-10810541889121677562011-04-09T21:11:39.634-07:002011-04-09T21:11:39.634-07:00इस्मत जैदी जी...रश्मि प्रभा जी....नीरज गोस्वामी जी...इस्मत जैदी जी...रश्मि प्रभा जी....नीरज गोस्वामी जी! हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया.<br />---देवेंद्र गौतमdevendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-6242688238184321782011-04-09T21:07:18.658-07:002011-04-09T21:07:18.658-07:00हरकीरत हीर जी!
नमस्कार!
आप मेरे ब्लॉग पर आयीं. मेर...हरकीरत हीर जी!<br />नमस्कार!<br />आप मेरे ब्लॉग पर आयीं. मेरा हौसला बढाया. इसके लिए शुक्रगुज़ार हूं. "किसी और ही ज़बान" का मतलब आपने फारसी से कैसे लगा लिया...?....मतलब साफ़ करने के लिए अपने दो शेर पेश कर रहा हूं----<br /><br />+ये खामुशी भी तो खुद इक ज़बान होती है<br /> मेरे सुकूत के अन्दर मेरा बयां निकला.<br /><br />+उसने सदियों की दास्तां कह दी <br /> एक लम्हे की बेज़ुबानी में.<br /><br />अब आप समझ गयी होंगी कि मेरा इशारा किस ज़बान की तरफ था. बहरहाल स्नेह बनाये रखिये. इसकी मुझे सख्त ज़रूरत है.<br /><br />देवेंद्र गौतमdevendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-73922752454380488202011-04-09T05:36:44.119-07:002011-04-09T05:36:44.119-07:00ज़मीं से दूर..बहुत दूर..आसमान में है.
मेरे जुनूं क...ज़मीं से दूर..बहुत दूर..आसमान में है.<br />मेरे जुनूं का परिंदा अभी उड़ान में है.<br />वाह ...क्या मत्ला है .....<br />कहां से लायें अंधेरों से जूझने का रसूख<br />हमारे वक़्त का सूरज अभी ढलान में है.<br />बिलकुल अलग हट के .....<br /><br />एक और दिल भी धड़कता है मेरे सीने में <br />मेरे सिवा भी कोई और इस मकान में है.<br />बधाई .....):<br />न पढ़ सकेगा, न सुनकर समझ सकेगा कोई<br />मेरी कहानी किसी और ही ज़बान में है.<br />अच्छा ....फ़ारसी भी आती है आपको ....? ):<br /><br />बहुत सुंदर ग़ज़ल .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-27086855405459186132011-04-08T02:29:52.972-07:002011-04-08T02:29:52.972-07:00कहां से लायें अंधेरों से जूझने का रसूख
हमारे वक़्त...कहां से लायें अंधेरों से जूझने का रसूख<br />हमारे वक़्त का सूरज अभी ढलान में है.<br /><br />बेहतरीन देवेन्द्र भाई...बेहद खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने...ढेरों दाद कबूल करें...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-46439079819702919362011-04-07T23:25:55.641-07:002011-04-07T23:25:55.641-07:00एक और दिल भी धड़कता है मेरे सीने में
मेरे सिवा भी...एक और दिल भी धड़कता है मेरे सीने में <br />मेरे सिवा भी कोई और इस मकान में है.<br />are waah... bahut badhiyaaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4236588435915650588.post-25179314801158239712011-04-07T21:57:35.701-07:002011-04-07T21:57:35.701-07:00इक और दिल भी धड़कता है मेरे सीने में
मेरे सिवा भी...इक और दिल भी धड़कता है मेरे सीने में <br />मेरे सिवा भी कोई और इस मकान में है.<br />न पढ़ सकेगा, न सुनकर समझ सकेगा कोई<br />मेरी कहानी किसी और ही ज़बान में है.<br /><br />bahut khoob !<br />waqai is zaban ko samajhna aasan nahinइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.com