खेल-तमाशे दिखा रहा है यारब क्या.
हम धरती वालों से तुझको मतलब क्या.
कुछ परदे के पीछे है कुछ परदे पर
उसे पता है दिखलाना है कब-कब क्या.
प्यार से जीना प्यार से मरना है प्यारे!
हम इन्सां हैं और इन्सां का मज़हब क्या.
घुट-घुट के जीने का आखिर मतलब क्या.
आग लगी थी बस्ती में तो दूर खड़े थे
राख के अंदर ढूंड रहे हो तुम अब क्या.
मैं तेरी बातों का मतलब क्या समझूं
लब पर क्या है और बता जेरे-लब क्या.
मेरे दिल के दफ्तर में हैं एक सभी
चपरासी क्या, बाबू क्या और साहब क्या.
सुई घडी की इक मर्कज़ पर है कायम
वक़्त ने मुझको दिखलाये हैं करतब क्या.
-----देवेंद्र गौतम
आग लगी थी बस्ती में तो दूर खड़े थे
जवाब देंहटाएंराख के अंदर ढूंड रहे हो तुम अब क्या.
-वाह!! क्या बात है!!
आग लगी थी बस्ती में तो दूर खड़े थे
जवाब देंहटाएंराख के अंदर ढूंड रहे हो तुम अब क्या.
आपके इस शेर को पढ़ते पढ़ते किसी का लिखा एक प्यारा-सा शेर याद आ गया.शायद आपको भी पसंद आये.देखिये:-
बेख़याली में कभी उँगलियाँ जल जायेंगी.
राख गुज़रे हुए लम्हों की कुरेदा न करो.
वाह - लाजवाब ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंजीना है तो आर-पार की जंग लड़ो
जवाब देंहटाएंघुट-घुट के जीने का आखिर मतलब क्या.
आग लगी थी बस्ती में तो दूर खड़े थे
राख के अंदर ढूंड रहे हो तुम अब क्या.
बहुत खूब ..अच्छी गज़ल
मतला पढ़ते ही
जवाब देंहटाएंग़ज़ल के अश`आर जल्द पढ़ लेने को मन मचलने लगा
"हम धरती वालों से तुझको मतलब क्या.." वाह !
और
"प्यार में जीना, प्यार में मरना है प्यारे.."
अकेले मिसरे से ही पूरे फलसफे का अंदाजा हो पा रहा है
ऐसी मुश्किल बहर में अनोखे शेर कह डाले आपने
मैं तेरी बातों का मतलब क्या समझूं
लब पर क्या है और बता जेरे-लब क्या.
बहुत खूब !!
जीना है तो आर-पार की जंग लड़ो
जवाब देंहटाएंघुट-घुट के जीने का आखिर मतलब क्या.
वाह .. सच कहा है देवेन्द्र जी ... अब आर पार की लड़ाई का समय आ गया है ... बेहतरीन गज़ल ...
बहुत खुबसूरत मतला.....
जवाब देंहटाएंशानदार ग़ज़ल....
सादर...
मेरे दिल के दफ्तर में हैं एक सभी
जवाब देंहटाएंचपरासी क्या, बाबू क्या और साहब क्या.
लाजवाब...काफिये क्या खूब निभाये हैं..दाद कबूल करें.
नीरज
हम इन्सां हैं और इन्सां का मज़हब क्या.
जवाब देंहटाएंसीधी सच्ची बात और वो भी सपाट भाषा में| यही विशेषता है ग़ज़ल की| बहुत बहुत अच्छा लगा ये ग़ज़ल पढ़ कर| बहुत बहुत बधाई गौतम जी|
बहुत खूब कही है यह ग़ज़ल आप ने ..
जवाब देंहटाएंमुझे यह शेर ख़ास पसंद आया-:
जीना है तो आर-पार की जंग लड़ो
घुट-घुट के जीने का आखिर मतलब क्या.
वाह !वाह!क्या कहने!
......
बहुत बढिया ग़ज़ल लिखी है है आपने ..ऐसे ही लिखते रहे शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंप्यार से जीना प्यार से मरना है प्यारे!
जवाब देंहटाएंहम इन्सां हैं और इन्सां का मज़हब क्या.
वाह बहुत खूबसूरत गज़ल।ाभार।
मैं तेरी बातों का मतलब क्या समझूं
जवाब देंहटाएंलब पर क्या है और बता ज़ेरे-लब क्या.
कमाल के अश’आर ,,बहुत उम्दा !!