कु़दरत की मस्ती को कायम रहने दो.
मत बांधो, सारी नदियों को बहने दो.
आसमान को चाहो तो छू सकते हो
धरती को अपनी धूरी पर रहने दो.
बंगला-गाड़ी की उसको दरकार नहीं
रौशनदान में गोरैया को रहने दो.
बुरे-भले का फर्क जमाना कर लेगा
हम जो कहना चाह रहे हैं, कहने दो.
हम तो उनकी ईंट से ईंट बजा देंगे
जुल्मो-सितम जिनको सहना है सहने दो
लॉकर में रखना है तो क्या फर्क उन्हें
सोने, चांदी या पीतल के गहने दो.
वीरानी में डूबे घर का क्या करना
दरक-दरक कर दीवारों को ढहने दो.
--देवेंद्र गौतम
मत बांधो, सारी नदियों को बहने दो.
आसमान को चाहो तो छू सकते हो
धरती को अपनी धूरी पर रहने दो.
बंगला-गाड़ी की उसको दरकार नहीं
रौशनदान में गोरैया को रहने दो.
बुरे-भले का फर्क जमाना कर लेगा
हम जो कहना चाह रहे हैं, कहने दो.
हम तो उनकी ईंट से ईंट बजा देंगे
जुल्मो-सितम जिनको सहना है सहने दो
लॉकर में रखना है तो क्या फर्क उन्हें
सोने, चांदी या पीतल के गहने दो.
वीरानी में डूबे घर का क्या करना
दरक-दरक कर दीवारों को ढहने दो.
--देवेंद्र गौतम