"ज़मीं बदली, फलक बदला, निज़ामे-दो-जहां बदला".
मगर जिसको बदलना था अभी तक वो कहां बदला.
मगर जिसको बदलना था अभी तक वो कहां बदला.
गली बदली, नगर बदला, मकीं बदले, मकां बदला.
बस इक लम्हे की करवट से शबिस्ताने-जहां बदला.
वही लहजा पुराना सा, वही आदम, वही हव्वा
न अपनी दास्तां बदली, न अंदाज़े-बयां बदला.