जितनी जंजीरें हैं उनपर चोट करेगा
वो बारूद का पुतला है, विस्फोट करेगा.
वक्त का पहिया कुछ तेजी से घूमेगा
काम मगर इंसानों का रोबोट करेगा.
वो बिल्कुल खामोश रहेगा महफिल में
चुपके-चुपके सबकी बातें नोट करेगा.
पहले खाकी वर्दी वाले लूटेंगे
बाकी जो करना है काला कोट करेगा.
बैलट पर जितने चेहरे हैं दागी हैं
सोचे अब मतदाता किसको वोट करेगा.
आज का रावण, आज की सीता, या मालिक
कितना परदा इक तिनके की ओट करेगा.
---देवेंद्र गौतम