किससे-किससे जाकर कहते ख़ामोशी का राज़.. अपने अंदर ढूंढ रहे हैं हम अपनी आवाज़.
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गुरुवार, 9 जून 2011
क्या ढोते बेकार के रिश्ते.
(
"OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८...में प्रस्तुत)
तोड़ दिए संसार के रिश्ते.
क्या ढोते बेकार के रिश्ते.
स्वर्ग-नर्क के बीच मिलेंगे
इस पापी संसार के रिश्ते.
रोज तराजू में तुलते हैं
बस्ती और बाज़ार के रिश्ते.
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