अपनी सारी ख्वाहिशों को दर-ब-दर करता रहा.
हमसफ़र कोई न था फिर भी सफ़र करता रहा.
एक तुम जिसको किसी पर भी नहीं आया यकीं
एक मैं जो हर किसी को मोतबर करता रहा.
बेघरी ने तोड़ डाला था उसे अंदर तलक
इसलिए वो हर किसी के दिल में घर करता रहा .
हमसफ़र कोई न था फिर भी सफ़र करता रहा.
एक तुम जिसको किसी पर भी नहीं आया यकीं
एक मैं जो हर किसी को मोतबर करता रहा.
बेघरी ने तोड़ डाला था उसे अंदर तलक
इसलिए वो हर किसी के दिल में घर करता रहा .