मेरी बर्बादियों का गम न करना.
तुम अपनी आंख हरगिज़ नम न करना.
हमेशा एक हो फितरत तुम्हारी
कभी शोला कभी शबनम न करना.
कई तूफ़ान रस्ते में मिलेंगे
तुम अपने हौसले मद्धम न करना.
जो आया है उसे जाना ही होगा
किसी की मौत का मातम न करना.
ये मेला है फकत दो चार दिन का
यहां रिश्ता कोई कायम न करना.
हरेक जर्रे में एक सूरज है गौतम
किसी का कद कभी भी कम न करना.
तुम अपनी आंख हरगिज़ नम न करना.
हमेशा एक हो फितरत तुम्हारी
कभी शोला कभी शबनम न करना.
कई तूफ़ान रस्ते में मिलेंगे
तुम अपने हौसले मद्धम न करना.
जो आया है उसे जाना ही होगा
किसी की मौत का मातम न करना.
ये मेला है फकत दो चार दिन का
यहां रिश्ता कोई कायम न करना.
हरेक जर्रे में एक सूरज है गौतम
किसी का कद कभी भी कम न करना.
----देवेंद्र गौतम
ये मेला है फकत दो चार दिन का
जवाब देंहटाएंयहां रिश्ता कोई कायम न करना.
वाह!! बहुत बढ़िया.
हरेक जर्रे में एक सूरज है गौतम
जवाब देंहटाएंकिसी का कद कभी भी कम न करना.
bahut khoob ...!!
दिल के अंदर तक उतर जाने वाले शेर...बहुत ही अच्छी ग़ज़ल..बधाई!
जवाब देंहटाएंहरकीरत जी! शुक्रिया! आपकी टिपण्णी हमेशा प्रोत्साहित करती है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया छोटे जी! स्नेह बनाये रखें
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई समीर लाल जी !
जवाब देंहटाएंKya baat hai!Wah!
जवाब देंहटाएंवाह...........
जवाब देंहटाएंये मेला है फकत दो चार दिन का
यहां रिश्ता कोई कायम न करना.
बहुत बढ़िया गज़ल....
सादर
हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया kshama जी!
जवाब देंहटाएंहौसला अफजाई के लिए शुक्रिया expression जी!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ....
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढिया।
जवाब देंहटाएंहरेक जर्रे में एक सूरज है गौतम
जवाब देंहटाएंकिसी का कद कभी भी कम न करना......bahot achche.....
कल 02/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
जवाब देंहटाएंआपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
...'' स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...
बहुत ही बढ़िया रचना...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन....
हरेक जर्रे में एक सूरज है गौतम
जवाब देंहटाएंकिसी का कद कभी भी कम न करना ।
बहुत खूबसूरत ।
भाई महेंद्र मिश्र जी...ग़ज़ल पसंद करने के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंसदा जी!
जवाब देंहटाएंआपको ग़ज़ल पसंद आई. आपने नई-पुरानी हलचल में लिंक कर कई लोगों को मेरे पोस्ट तक आने का अवसर दिया. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!
मृदुला प्रधान जी!
जवाब देंहटाएंआपको ग़ज़ल पसद आई. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!
रीना मौर्य जी!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया!
आशा जोगलेकर जी!
जवाब देंहटाएंहौसला-अफजाई के लिए शुक्रिया!
बस सोचा था कि मैं तुम्हें एक पंक्ति ड्रॉप करने के लिए आप अपनी साइट वास्तव में चट्टानों बता चाहते हैं! मैं एक लंबे समय के लिए जानकारी का इस तरह के लिए देख रहा है .. मैं आमतौर पर पोस्ट करने के लिए जवाब नहीं लेकिन मैं इस मामले में होगा. वाह महान भयानक.
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