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बुधवार, 10 जुलाई 2024

कत्आ़

कथनी-करनी एक हो जिसकी, ऐसी इक तसवीर बनो.

सबके पांव में बेड़ी डाली, खुद की भी जंजीर बनो.

 कब्र में लटके पांव हैं लेकिन, फिर भी कुर्सी की लालच

हमको अग्निवीर बनाया तुम भी अग्निवीर बनो.

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कुछ तो कहिये कि लोग कहते हैं
आज ग़ालिब गज़लसरा न हुआ.
---ग़ालिब

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