ढलती हुई यादों के दरो-बाम लिखेंगे.
हर सम्त अँधेरे में तेरा नाम लिखेंगे.यादों के गुलिस्तां में तसव्वुर के कलम से
सरसब्ज़ दरख्तों पे तेरा नाम लिखेंगे.
हर मोड़ पे हालात के तारीक वरक़ पर
जो कुछ भी कहे गर्दिशे-अय्याम लिखेंगे.
आंखों में अभी खौफ ज़माने का बहुत है
सीने में लरजते हुए पैगाम लिखेंगे.
जब सर पे मेरे ग़म की कड़ी धूप चढ़ेगी
ढलते हुए सूरज का हम अंजाम लिखेंगे.
रातों को अगर नींद न आये तो उसे हम
उजड़े हुए ख्वाबों की घनी शाम लिखेंगे.
जिस प्यार ने जीने का सलीका हमें बख्शा
उस प्यार के गीतों को सरे-आम लिखेंगे.
इस बार ख्यालों के जुनूंखेज़ वरक पर
हम अक्ल से मांगे हुए इल्जाम लिखेंगे.
फिर वक़्त का तारीक वरक़ चमकेगा गौतम
इस सुब्ह को भी लोग सियहफाम लिखेंगे.
-----देवेंद्र गौतम
जब सर पे मेरे ग़म की कड़ी धूप चढ़ेगी
जवाब देंहटाएंढलते हुए सूरज का हम अंजाम लिखेंगे.
रातों को अगर नींद न आये तो उसे हम
उजड़े हुए ख्वाबों की घनी शाम लिखेंगे
वाह !
बहुत उम्दा !
बेहतरीन ग़ज़ल !
जिस प्यार ने जीने का सलीका हमें बख्शा
जवाब देंहटाएंउस प्यार के गीतों को सरे-आम लिखेंगे.
बेहतरीन...पूरी ग़ज़ल...आफरीन...आफरीन...दाद कबूल करें...
नीरज
हर मोड़ पे हालात के तारीक वरक़ पर
जवाब देंहटाएंजो कुछ भी कहे गर्दिशे-अय्याम, लिखेंगे.
lajawaab !
bahut khoob !!
हमेशा की तरह उम्दा ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंयादों के गुलिस्तां में तसव्वुर के कलम से
सरसब्ज़ दरख्तों पे तेरा नाम लिखेंगे.
बसंत का असर साफ़ दिख रहा है शायरी पर .
हर मोड़ पे हालात के तारीक वरक़ पर
जो कुछ भी कहे गर्दिशे-अय्याम लिखेंगे.
क्या खूब लिखा है साहिब.
जिस प्यार ने जीने का सलीका हमें बख्शा
उस प्यार के गीतों को सरे-आम लिखेंगे.
बहुत बढ़िया.....
इस बार ख्यालों के जुनूंखेज़ वरक पर
हम अक्ल से मांगे हुए इल्जाम लिखेंगे.
जूनून और अक्ल.क्या बात है.
मज़ा आ जाता है आपकी शायरी पढ़ कर.
कोशिश है कि ब्लॉग पर लिखा आपका सारा दीवान पढ़ लूं.
सलाम.