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सोमवार, 8 अगस्त 2011

जिसे खोया उसी को.....

(मित्रों ! यह  इस ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट है. दो नज्मों और एक कत्ते को छोड़ दें तो अभी तक इसमें ज्यादातर ग़ज़लें ही पोस्ट की गयी हैं. भाई राजेंद्र स्वर्णकार के  इसरार पर जनवरी 2011 में  जब मैंने इस ब्लॉग पर नियमित पोस्ट  डालनी शुरू की तो उस वक़्त तक मात्र 289 पेज व्यूवर थे. सात महीने में आज यह  संख्या 6331 हो चुकी है. फोलोवर भी दूने से ज्यादा बढे हैं. आपलोगों के स्नेह की बदौलत ही यह संभव हुआ है. अब इसमें साहित्य की अन्य विधाओं  का भी समावेश किया जाना चाहिए या इसी रूप में आगे का सफ़र जारी रखना चाहिए इसपर विचार कर रहा हूं. मैं इसपर आपलोगों के विचार भी जानना चाहूंगा. )


जिसे खोया उसी को पा रहा हूं.
गुज़िश्ता वक़्त को दुहरा रहा हूं.

छुपाये दिल में अपनी तिश्नगी को 
समंदर की तरह लहरा रहा हूं.

किसी की बददुआओं  का असर है
हरेक रस्ते पे ठोकर खा रहा हूं.

उमीदों के घरौंदे फिर बनाकर
मैं अपने आपको बहला रहा हूं.

जहां दीवानगी फूली फली थी
उन्हीं गलियों में देखा जा रहा हूं. 

दरख्तों का कहीं साया तो होगा
बहुत लम्बे सफ़र से आ रहा हूं.

तिलिस्माते तसव्वुर देख गौतम
ख्यालों में उलझता जा रहा हूं.

----देवेंद्र गौतम 

21 टिप्‍पणियां:

  1. उमीदों के घरौंदे फिर बनाकर
    मैं अपने आपको बहला रहा हूं.
    जहां दीवानगी फूली फली थी
    उन्हीं गलियों में देखा जा रहा हूं. ।
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! हर एक शेर लाजवाब है! उम्दा ग़ज़ल!
    १०० वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  2. १००वी पोस्ट की हार्दिक शुभकानाएं
    ..खूबसूरत ग़ज़ल

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूबसूरत गजल गौतम जी !
    100वीं पोस्ट की शुभकानाएं

    जवाब देंहटाएं
  4. १००वीं पोस्ट की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ....

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरत गजल.
    १०० वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें .

    जवाब देंहटाएं
  6. sab se pahle to 100th post ke liye mubarakbad qubool karen
    bahut pyaree aur khoobsoorat ghazal hai
    mere vichar se is blog par har post manzoom hona chahiye
    nasr ke liye to ap ke doosare blogs hain hi

    जवाब देंहटाएं
  7. सब से पहले सौवीं पोस्ट के लिए
    मुबारकबाद स्वीकार करें....
    आपके ब्लॉग पर हर बार कुछ नया और स्तरीय
    पढने को मिलता है ,,,
    इस ग़ज़ल में भी इक अलग-सी खासियत है
    हर शेर अपने आप में मुकम्मल बन पडा है,,,
    और.... लहजे की बात करें,, तो यह शेर...
    जहां दीवानगी फूली फली थी
    उन्हीं गलियों में देखा जा रहा हूं
    अपनी मिसाल आप हो रहा है.... वाह !

    जवाब देंहटाएं
  8. जहां दीवानगी फूली फली थी
    उन्हीं गलियों में देखा जा रहा हूं.
    sabse badhiya sher ...kavi man kalam lekar sachmuch unhi ateet ki galiyon ka chakkar kaat aata hai ....

    जवाब देंहटाएं
  9. छुपाये दिल में अपनी तिश्नगी को
    समंदर की तरह लहरा रहा हूं.

    सुभान अल्लाह...बेहतरीन ग़ज़ल...दाद कबूल करें...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  10. खूबसूरत ग़ज़ल और ...
    100 वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयां एवं हार्दिक शुभकामनायें .

    जवाब देंहटाएं
  11. बेहतरीन ग़ज़ल...
    1००वी पोस्ट की हार्दिक शुभकानाएं....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत खूबसूरत गजल गौतम जी !
    100वीं पोस्ट की शुभकानाएं

    जवाब देंहटाएं
  13. puri ghazal hi shandar hai..किसी की बददुआओं का असर है
    हरेक रस्ते पे ठोकर खा रहा हूं.lekin ye panktiyan behad sacchi hain..is utkrist rachna ke liye hadrik badhayee..aapse parichit hone ka mauka diya charcha mancha ne.charcha manch ko bhi dhanyawad..apne blog per bhi sadar amantran ke sath

    जवाब देंहटाएं
  14. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच

    जवाब देंहटाएं
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  16. दरख्तों का कहीं साया तो होगा
    बहुत लम्बे सफ़र से आ रहा हूं.

    खुबसूरत ग़ज़ल...
    १००वी पोस्ट की हार्दिक बधाई
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  17. छुपाये दिल में अपनी तिश्नगी को
    समंदर की तरह लहरा रहा हूं...

    गौतम जी ... इस तिश्नगी को जिन्दा रखिये .... और लाजवाब गजलों से रूबरू कराते रहिये .... १०० का आंकड़ा पास होने पर बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने!
    100वीं पोस्ट की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  19. लेख के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन मैं अंक की एक जोड़ी के साथ कुछ extenct असहमत. मैं शायद एक अल्पसंख्यक हालांकि, योग्य हूँ. साझा करने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं

कुछ तो कहिये कि लोग कहते हैं
आज ग़ालिब गज़लसरा न हुआ.
---ग़ालिब

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