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गुरुवार, 15 मार्च 2012

एक कत्ता


(एक ऐसे बच्चे के नाम जिसे छः माह पहले उसकी मां एक नर्सिंग होम में जन्म देकर फरार हो गयी थी और जो बहुरूपिया ब्लॉग के संचालक पवन श्रीवास्तव के घर पर पल रहा है. पवन जी के भाई अशोक मानव ने उसे गोद लिया है.)


अपने पाओं पे खड़ा होने दो.
घर का बच्चा है, बड़ा होने दो.
प्यास दुनिया की ये बुझाएगा
कच्ची मिटटी है घड़ा होने दो.

------देवेंद्र गौतम

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ और बेहतरीन काम जिन्होंने इस बच्चे को गोद लिया है

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  2. हृदयविदारक घटना, सार्थक रचना!

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  3. सराहनीय व सार्थक प्रयास ...आभार ।

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  4. देवेंद्र जी
    अपने पाओं पे खड़ा होने दो.
    घर का बच्चा है, बड़ा होने दो.
    प्यास दुनिया की ये बुझाएगा
    कच्ची मिटटी है घड़ा होने दो.
    चार लाईनों में ही क्या कह दिया आपने वाह वाह

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  5. पवन बाबा को मैं जब से जानता हूँ वो हर बार कुछ न कुछ चमत्कार करते रहते हैं ....
    www.kavisammelanhasya.com

    www.kavisammelanhasya.com

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कुछ तो कहिये कि लोग कहते हैं
आज ग़ालिब गज़लसरा न हुआ.
---ग़ालिब

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