जलजला हो तो सही.
कुछ नया हो तो सही.
कुछ बुरा होने से पहले
कुछ भला हो तो सही.
दो के मिलने का नतीजा
तीसरा हो तो सही.
रोक लेंगे सब उड़ानें
पर कटा हो तो सही.
एक चुल्लू भी बहुत है
डूबना हो तो तो सही.
क्या छुपायें, क्या बताएं
कुछ पता हो तो सही.
हम लुटाने को लुटा दें
कुछ बचा हो तो सही.
मंजिलें मिल जायेंगी
रास्ता हो तो सही.
बांटने को बांट लेंगे
कुछ मिला हो तो सही.
फिर परिन्दें आ बसेंगे
घोंसला हो तो सही.
थोड़ी खुशबू मांग लेंगे
गुल खिला हो तो सही.
मानता हूं घर बड़ा है
दिल बड़ा हो तो सही.
मिलने जुलने का भी कोई
सिलसिला हो तो सही.
इक नज़र में नाप लेंगे
सामना हो तो सही.
जिन्दगी आमद करेगी
बुलबुला हो तो सही.
अपने अंदर झांकने की
भावना हो तो सही.
आस्मां छोटा पड़ेगा
कद बड़ा हो तो सही.
हर जगह मौजूद है
उसको चाहो तो सही.
आज के बच्चों में थोडा
बचपना हो तो सही.
फिर कोई बैजू यहां पर
बावरा हो तो सही.
हम सभी देंगे शहादत
कर्बला हो तो सही.
क्या भला है क्या बुरा
फैसला हो तो सही.
हाशिये में हम रहेंगे
हाशिया हो तो सही.
मांग लायेंगे खुदाई
पर खुदा हो तो सही.
इंद्र का दरबार कर दें
अप्सरा हो तो सही.
और बढ़ जाएगी कुर्बत
फासला हो तो सही.
---देवेंद्र गौतम
कुछ नया हो तो सही.
कुछ बुरा होने से पहले
कुछ भला हो तो सही.
दो के मिलने का नतीजा
तीसरा हो तो सही.
रोक लेंगे सब उड़ानें
पर कटा हो तो सही.
एक चुल्लू भी बहुत है
डूबना हो तो तो सही.
क्या छुपायें, क्या बताएं
कुछ पता हो तो सही.
हम लुटाने को लुटा दें
कुछ बचा हो तो सही.
मंजिलें मिल जायेंगी
रास्ता हो तो सही.
बांटने को बांट लेंगे
कुछ मिला हो तो सही.
फिर परिन्दें आ बसेंगे
घोंसला हो तो सही.
थोड़ी खुशबू मांग लेंगे
गुल खिला हो तो सही.
मानता हूं घर बड़ा है
दिल बड़ा हो तो सही.
मिलने जुलने का भी कोई
सिलसिला हो तो सही.
इक नज़र में नाप लेंगे
सामना हो तो सही.
जिन्दगी आमद करेगी
बुलबुला हो तो सही.
अपने अंदर झांकने की
भावना हो तो सही.
आस्मां छोटा पड़ेगा
कद बड़ा हो तो सही.
हर जगह मौजूद है
उसको चाहो तो सही.
आज के बच्चों में थोडा
बचपना हो तो सही.
फिर कोई बैजू यहां पर
बावरा हो तो सही.
हम सभी देंगे शहादत
कर्बला हो तो सही.
क्या भला है क्या बुरा
फैसला हो तो सही.
हाशिये में हम रहेंगे
हाशिया हो तो सही.
मांग लायेंगे खुदाई
पर खुदा हो तो सही.
इंद्र का दरबार कर दें
अप्सरा हो तो सही.
और बढ़ जाएगी कुर्बत
फासला हो तो सही.
---देवेंद्र गौतम
वाह....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर गज़ल...
छोटे बहर की गज़ल की अपनी खूबसूरती और प्रवाह होता है..
अनु
क्या बात है! इतनी लंबी ग़ज़ल... मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंक्या छुपायें, क्या बताएं
जवाब देंहटाएंकुछ पता हो तो सही.
बहुत खूब देवेन्द्र जी ... शेरों की बौछार कर दी ... लाजवाब हैं सभी ... कुछ न कुछ नया बयान करते हुवे ...
१५ अगस्त की शुभकामनायें ...