हर तलातुम से गुज़र जाना है
दिल के दरिया में उतर जाना है
दिल के दरिया में उतर जाना है
ज़िंदा रहना है कि मर जाना है
‘आज हर हद से गुज़र जाना है’
‘आज हर हद से गुज़र जाना है’
मौत की यार हक़ीक़त है यही
बस ये अहसास का मर जाना है
बस ये अहसास का मर जाना है
पेड़ से टूट गए हैं जैसे
खुश्क पत्तों सा बिखर जाना है
खुश्क पत्तों सा बिखर जाना है
सब ज़मींदोज़ उभर आये हैं
अब दुआओं का असर जाना है
अब दुआओं का असर जाना है
वादा करना तो अदा है उनकी
वक़्त आने पे मुकर जाना है
वक़्त आने पे मुकर जाना है
सर खपाने से नहीं होता कुछ
जो गुज़रना है गुज़र जाना है
जो गुज़रना है गुज़र जाना है
वक़्त के आइना दिखलाते ही
रंग चेहरे का उतर जाना है
रंग चेहरे का उतर जाना है
हम तो आवारा हैं ‘गौतम’ साहब
आप कहिये कि किधर जाना है
आप कहिये कि किधर जाना है
-देवेन्द्र गौतम
वक्त पे आके मुकर जाना है ...
जवाब देंहटाएंवाह हर शेर लाजवाब है ... दाद निकलती है हर शेर पर ....
man ko chhoo gayi Gazal.
जवाब देंहटाएंbahut bha gai ye gazal...
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