ग़मों की धुंध जो छाई हुई है छंट जाये.
कुछ ऐसे ख्वाब दिखाओ कि रात कट जाये.
नज़र के सामने जो कुछ भी है सिमट जाये.
गर आसमान न टूटे, ज़मीं ही फट जाये.
मेरे वजूद का बखिया जरा संभल के उधेड़
हवा का क्या है भरोसा, कहीं पलट जाये.
मैं तय करूंगा हरेक लम्हा इक सदी का सफ़र
कि मेरी राह का पत्थर जरा सा हट जाये.
उसे पता है कि किस राह से गुज़रना है
वो कोई रूह नहीं है कि जो भटक जाये.
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
अंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
-----देवेंद्र गौतम
कुछ ऐसे ख्वाब दिखाओ कि रात कट जाये.
नज़र के सामने जो कुछ भी है सिमट जाये.
गर आसमान न टूटे, ज़मीं ही फट जाये.
मेरे वजूद का बखिया जरा संभल के उधेड़
हवा का क्या है भरोसा, कहीं पलट जाये.
मैं तय करूंगा हरेक लम्हा इक सदी का सफ़र
कि मेरी राह का पत्थर जरा सा हट जाये.
उसे पता है कि किस राह से गुज़रना है
वो कोई रूह नहीं है कि जो भटक जाये.
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
अंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
-----देवेंद्र गौतम
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
जवाब देंहटाएंअंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
वाह!!बहुत खूब!!!
बहुत खूब... बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंउसे पता है कि किस राह से गुज़रना है
जवाब देंहटाएंवो कोई रूह नहीं है कि जो भटक जाये.
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
अंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
Nihayat sundar panktiyan!
बहुत दिनों बाद आये देवेन्द्र जी
जवाब देंहटाएंलेकिन एक खूबसूरत ग़ज़ल का तोहफा लेकर आये
"कुछ ऐसे ख्वाब दिखाओ, क रात कट जाए..."
मन के खाली पड़े पन्ने पर जैसे अचानक कुछ लिख दिया गया हो
वहाँ के 'कुछ ना होने' को कुछ लफ्ज़ मिल गए हों जैसे ... वाह
ग़ज़ल के तमाम अश`आर
इक अजब-सी ज़हनियत से रु.ब.रु करवा रहे हैं .
असर,,, देर तक चलेगा !
"कुछ ऐसे ख्वाब दिखाओ, कि रात कट जाए..."
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत मिसरा और अपने आप जाने क्या कुछ समेटे हुए मुकम्मल शेर की हैसियत रखता है
बहुत ख़ूब !!
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
अंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
बड़े हौसले का शेर जो ग़ज़ल के तक़ाज़ों को भी बड़ी ख़ूबसूरती से पूरा कर रहा है
वाह !!
shuru ke dono sher beshak udasi liye hue hain ...magar behad khoobsoorat lage ...
जवाब देंहटाएंमैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
जवाब देंहटाएंअंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
वाह ...बहुत खूब ।
भाई देवेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपकी सभी गजलें बहुत सुंदर होती हैं | ईश्वर आपको शक्ति प्रदान करे कि आप इसी प्रकार से बराबर लिखते रहें| हमारी सभी शुभ कामनाएं आपके साथ है |
मेरे वजूद का बखिया जरा संभल के उधेड़
जवाब देंहटाएंहवा का क्या है भरोसा, कहीं पलट जाये.
बढ़िया गज़ल
मैं अपनी आंख में सूरज के अक्स लाया हूं
जवाब देंहटाएंअंधेरी रात से कह दो कि अब सिमट जाये.
क्या बात है सर जी. बधाई स्वीकार करें.
Wah! Kya baat hai!
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