किससे-किससे जाकर कहते ख़ामोशी का राज़.. अपने अंदर ढूंढ रहे हैं हम अपनी आवाज़.
तुम्हारा जी भी हल्का हो गया शिकवा शिकायत सेहमारे दिल पे भी रक्खा हुआ पत्थर निकल आया.वाह ॥बहुत खूब
वाह.....बहुत बढ़िया.....अनु
bahut hi khoobsoorat aur shandaar
बहुत ही सुन्दर शेर.....
वाह ... क्या बात है .. जी हल्का करने की लाजवाब वजह ... खूबसूरत ...
बहुत ख़ूब !
kya baat hai...
कुछ तो कहिये कि लोग कहते हैं आज ग़ालिब गज़लसरा न हुआ.---ग़ालिब अच्छी-बुरी जो भी हो...प्रतिक्रिया अवश्य दें
तुम्हारा जी भी हल्का हो गया शिकवा शिकायत से
जवाब देंहटाएंहमारे दिल पे भी रक्खा हुआ पत्थर निकल आया.
वाह ॥बहुत खूब
वाह.....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.....
अनु
bahut hi khoobsoorat aur shandaar
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शेर.....
जवाब देंहटाएंवाह ... क्या बात है .. जी हल्का करने की लाजवाब वजह ...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ...
बहुत ख़ूब !
जवाब देंहटाएंkya baat hai...
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